अंतिम समय तक एमडीए बोर्ड ने क्यों रखा गोपनीय।
मुरादाबाद का महायजना 2030 को लेकर आएंगे आपत्तियां के स्थानांतरण से संबंधित कागजात को एमडए के अधिकारियों ने अंतिम समय तक गोपनीय रखा है अंतिम समय पता नहीं लगा कि मायोजना के ट्रैप्ड पर जो आपत्तियां आए थे उनमें से कितने का निस्तारण किया गया है और 2030 में मुरादाबाद की महा योजना 2030 को लेकर आई आफत या के निस्तारण से संबंधित कागजात को एमबीए के अधिकारियों ने अंतिम समय तक गोपनीय रखा किसी को भी अंतिम समय पता नहीं लगा कि महायोजना की ट्रैप्ड पर जो आपत्तियां आई थी उनमें से कितने का नियंत्रण किया गया है और बोर्ड के सदस्यों के विरोध पर बोर्ड ने शेयर किया नियंत्रण यह गोपनीय महायोजना 2022 से लेकर 2030 तक एक नई सिटी का निर्माण किया जाएगा जो बहुत ही सुंदर तरीके से बना होगा।
Board के सदस्यों के विरोध पर बोर्ड ने किया शेयर का निस्तारण।
एमडी अफसरों की इस गोपनीयता पर बोर्ड के सदस्यों ने सवाल खड़े किए बोर्ड के सदस्य राजू कलारा ने कहा कि हम से ही आपत्तियों के निस्तारण के मामले को साझा नहीं किया गया यह गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए तथा विरोध के बाद एमडी अधिकारियों ने आपत्तियों के निस्तारण के मामले सदस्य के साथ शेयर किए और इस पर चर्चे किए तथा एक सभा द्वारा मीटिंग की गई जिसमें सभी एमडी अफसरों का वहां पर बोलने का मौका दिया गया और इस मौके में सभी एनडीए के अफसर वहां पर मौजूद थे और इस अवसर पर राजू कलारे ने कहा कि हम से ही आपत्तियों के निस्तारण के मामलों को साझा नहीं किया गया इस पर यह एक गलत कारवां किया गया तथा विरोध के बाद एमडी अधिकारियों ने आपत्तियों के निस्तारण के मामले के सदस्य के साथ शेयर किए गए।
महायोजना 2030 के ड्राफ्ट को लेकर आई थी 400 आपत्तियां
महायोजना 2030 के ड्राफ्ट को लेकर कुल 400 आपत्तियां थी इनमें कुछ लोगों ने अपनी व्यक्तिगत आपत्तियां भी दाखिल की थी महा योजना को अंतिम रूप देने वाली कमेटी ने ऐसे किसी मामले पर निर्णय लिया नहीं लिया सामूहिक विकास को लेकर आई आफत या को सुनकर उनका समाधान किया गया और अभी भी तमाम ऐसे क्षेत्र हैं जहां से आने वाली आपत्तियों के निस्तारण के नाम पर खानापूर्ति हुई है शहर में अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां आबादी की 20 साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन अभी भी क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में ही है और बहुत से मुरादाबाद जिले में ऐसे गांव हैं जिन्होंने अभी तक बिजली की भी कोई सुविधा नहीं है तो आपको यह बता दिया जाए कि 2030 तक मुरादाबाद के हर एक गांव में सब सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी और मुरादाबाद के प्रत्येक गांव में नई नई सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी सभी ग्राम वासियों से यह निवेदन है कि वह अब ज्यादा से ज्यादा उनकी लिए तरक्की की जाएगी।
किसको मिलेगा बाजार स्ट्रीट का लाभ
दिल्ली और कांट रोड को बाजार स्टेटस योजना में शामिल किया गया है इससे इन मार्गो के किनारे देवासी गतिविधियां करने में कोई दिक्कत नहीं होगी जिन लोगों को मार्ग के दोनों किनारों पर प्लाट खरीदे हैं वह नीचे के हिस्से को व्यवस्थित तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे प्रथम तल पर उन्होंने आवाज बंद कर रहने की भी इज्जत मिलेगी कांट रोड की मधुबनी कालोनियों राम गंगा विहार कॉलोनी की आवटी ऑफिस लाभ नहीं मिलेगा इसके पीछे एमडीए उपाध्याय को तर्क यह है कि जिन कालोनियों के लेआउट आवासीय हैं उन्हें बोर्ड बाजार स्टेटस योजना में शामिल नहीं कर सकता है नीतिगत मामला होने के कारण शासन स्तर से निर्णय लिया गया है और आपको यह बता दें कि मुरादाबाद जिला बहुत अच्छी तरह से तरक्की की ओर बढ़ रहा है।
एसईजेड के पास में बनेगा शिल्पग्राम
लाकडी के फाजलपुर के निर्यातकों के लिए भी खुशखबरी है एमबीए बोर्ड ने इस क्षेत्र में बनी फैक्ट्रियों के वद करने के लिए हरी झंडी दे दी है इसके साथ उद्योग में की एसईजेड के लिए लिंक मार्ग बनाए जाने की मार्ग भी पूरी हो गई है इतना ही नहीं महायोजना में एमडीएनए लाकडी फाजलपुर से एसईजेड को जोड़ने का नया उद्योग क्षेत्र बनाए जाने की मजदूरी दी है और यह औद्योगिक क्षेत्र डूंगरपुर मार्ग से रतनपुर कला गांव की तरफ विकसित होगा ऐसा एजेंट के उद्यमियों और शिल्पा को इस प्रस्ताव से लाभ मिलेगा इससे एसईजेड में फैक्ट्रियां संचालित करने वाले निर्यातकों मुश्किल आसान होगा वह अपना काम शिल्पग्राम में कर सकेंगे।
विकास को नई रफ्तार देगा रामगंगा बधा
रामगंगा नदी के किनारे रामपुर चौराहे से लेकर अगवानपुर तक बंदा बनाने का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में आया था लेकिन बोर्ड के सदस्य राजू कलारा ने इसका विरोध कर दिया उन्होंने कहा कि हम अगले 10 साल के लिए विकास का प्लान बना रहे हैं इसलिए बांदा एमबीए की सीमा से भी आगे तक बनाना चाहिए इसके आबादी की सीमा तक की ही रखना ठीक नहीं होगा इस पर बोर्ड में सहमति बनाई गई बांध पर सड़क बनेगी पहले नदी के तरफ ग्रीन बेल्ट रहेगी यदि किसान बंदे के लिए 100 मीटर जमीन एमडी के सोते हैं तो उन्हें इच्छा से उनकी जमीन पर लेडी उसका तय कर दिया जाएगा बोर्ड की बैठक में यह मुद्दा भी आया कि एमबीए के पास नेट पैक नहीं है आगामी 10 साल में महानगर की आबादी 400000 बढ़ेगी ऐसे में उनके रहने के लिए एमडीएनए क्या व्यवस्था की है आवाज कॉलोनी मे बसने के पीछे भी यह कारण है केएमडीए ने वर्ष 2008 के बाद किसी कॉलोनी के लिए काम नहीं किया है
एमडीए की कई योजनाएं लंबित
सोनापुर योजना भी लंबित है एमबीए के अधिकारी इस पर इस पर जवाब नहीं दे सके उपाध्याय का कहना था कि सोनकपुर योजना के विवाद निपटा कर जल्द ही यह लोगों को आवास दिए जाएंगे इसके अलावा अन्य स्थान पर भी एवं डीए नई कॉलोनी बनाने के लिए भूमि खरीदेगा गजरौला में आवासीय कॉलोनी के लिए भूमि खरीदने का काम चल रहा है साईं अस्पताल के सामने के क्षेत्र को एनडीए ने ग्रीन बेल्ट बना रखा है जबकि यहां सालों से आबादी है लाखों शेड्यूल के आसपास की भूमि को भी ग्रीन बेल्ट की श्रेणियों में रख दिया था यहां से कई लोगों ने इस पर आपत्ति दाखिल की थी एमडीएफ बोर्ड ने इस क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट से मुक्त दे दी है अब यहां रहने वाले लोगों के आवासों के नक्शे पास हो सकेंगे इससे क्षेत्र के लोगों को राहत मिलेगी लेकिन महानगर के कई क्षेत्र अभी भी ग्रीन बेल्ट में रखे गए हैं इस लेकर लोगों में आक्रोश है कॉसमॉस के पास से रामगंगा पुल की तरफ जाने वाली रोड को ग्रीन बेल्ट बनाए जाने पर भी आपत्ति की गई है एमडीए बोर्ड ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
उदय योजना का भवन बनाने को मिली स्वीकृति
एमपी बोर्ड की बैठक में एसआईटी परिषद में मुख्यमंत्री महोदय योजना की कोचिंग के लिए आवासीय भवन के निर्माण की अनुमति दी गई है इस भवन के लिए एमआईटी खेल मैदान को जमीन के बदले पीछे की तरफ भूमि देने का प्रस्ताव दिया था नए स्थान पर मिलने वाली जमीन से बाहर की तरफ रास्ता खोला जा सकता है क्योंकि एमआईटी की दीवारों से बाहर से महायोजना 2030 में दौड़ प्रस्तावित है शासन को लेट बदल जाने का प्रस्ताव भी दिया जाएगा।
800 सीट का कन्वेंशन सेंटर बनेगा
एमडीए ने सोनकपुर योजना में 800 सीट के कन्वेंशन सेंटर की स्थापना के लिए विस्ता बोर्ड में रखा था परियोजना को स्वीकृति मिल गई है सोनापुर रेलवे ब्रिज की कनेक्टिंग रोड किनारे कन्वेंशन सेंटर बनेगा प्राधिकरण की सोनकपुर योजना को भी जल्द लांच किया जाना है कहां रोड की दिल्ली रोड से कनेक्टिविटी देने के लिए कार्य योजना बन गई है डबल फाटक से लेकर कोहिनूर तिराहे तक दोनों तरफ की आबादी को लेकर महायोजना 2030 को अंतिम रूप देते समय कोई चर्चा नहीं हुई जबकि इस क्षेत्र को भी बाजार स्ट्रीट बनाकर लोगों को राहत दी जाती थी इसके अलावा कोहिनूर किराए से चंदौसी और संभल रोड को ग्रीन बेल्ट में बनाए रखा गया है जबकि यहां सालों से आबादी है 100 साल पुराने गांव भी क्षेत्र में बसे हैं लाइनपार में भी कई इसी तरह की कॉलोनियां हैं जिनको वैध बनाया जा सकता है लेकिन उन पर भी विचार नहीं किया गया लेकिन उन कालोनियों पर अभी तक कोई भी और किसी भी तरह का कोई विचार या कोई सूचना भी नहीं मिली है।